[जीवन शायरी] हिंदी में विश्वास पर [life Shayari] on trust in Hindi
विश्वास करो मुझपर ।
मैं इतना भि बूरा नहीं ।
तुम्हे लगता हु मै बूरा ।
बूरायी सब मे होती है ।
होती है अच्छाई भि ।
बस नजर का फेर है ।
अंधेरा किसिको पसंद नहीं ।
पर रात का इंतेजार सबको होता है ।
रात ना हो तो दिन भि सजा है ।
और दिन ना हो तो रात भि ।
चाँद अगर दिन मे निकले ।
तों सायद इतना खूबसूरत ना लगे ।
ज़ितना की वो रात मे लगता है ।
अच्छाई की कदर तब ही होती है ।
जब थोड़ी बुराई भि हो ।
By Shivam Mishra