ज़िंदगी शायरी
ज़िंदगी बड़ी जालिम है ।
कातिल भि बनाती है और जटिल भि ।
हम सब कातिल है यहाँ ।
अपनी ज़िंदगी का है गला घोट देते है ।
बहोत ज़िलिया दूसरों के सहारे ।
अब दूसरो को सहारा देने की बारी हमारी है ।
ज़िंदगी बड़ी जालिम है ।
कातिल भि बनाती है और जटिल भि ।
हम सब कातिल है यहाँ ।
अपनी ज़िंदगी का है गला घोट देते है ।
बहोत ज़िलिया दूसरों के सहारे ।
अब दूसरो को सहारा देने की बारी हमारी है ।
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