मौसम शायरी
मौसम आज क्यू तुम कहर धा रही हो ।
किस बात का बदला लेना चाहती हो ।
मौसम भि बेवफाई झेल रहा है ।
कभी भि रो पड़ता है ।
मौसम भि अगर इंसान होता ।
तो आज निलाम होता ।
मौसम आज क्यू तुम कहर धा रही हो ।
किस बात का बदला लेना चाहती हो ।
मौसम भि बेवफाई झेल रहा है ।
कभी भि रो पड़ता है ।
मौसम भि अगर इंसान होता ।
तो आज निलाम होता ।
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