कभि कभि सूरज को भि निकलने का मन नहीं करता ।
क्युकी उसे लोगो को देर तक सोता देख बहोत तकलीफ होती है
जल्दी उठ जाओ हुआ सवेरा ।
शुभ प्रभात ।
मैं रोज समय पे कार्य करू ताकी तुम्हे देरी ना हो जाये ।
तुम फिर भि देर करते हो ।
चाहे मैं कितनी भि सुबह निकल आओ ।
चाँद चला गया ।
निकला सूरज ।
अब तो उठ जाओ ।
शुभ प्रभात ।