कभि मूर्गे की कुकड़ू कु हमे उठाती थी ।
अब मोबाइल की टींग टींग हमे सोने नहीं देती ।
फिर कब सुबह हो जाती है पता भि नहीं चलता ।
आवाज आती है कही से उठ जाओ
हुआ सवेरा ।
शुभ प्रभात ।
ये कोरोना ने लोगो को आलसी बना दिया है ।
सुबह उठ जाओ योगा को गले लगाओ ।
बिमारी को दूर भगाओ ।
तंदुरुस्त हो जाओ ।
हुआ सवेरा ।
शुभ प्रभात ।