तुम मिले देर से ।
मुझे इसकी कोई परवाह नहीं ।
देर तो देर सही ।
ज़िंदगी मे दस्तक तो दी ।
एक दस्तक ही काफी थी ।
बाकी सब कुछ माफ ही ।
ज़िंदगी अब मेरी साफ है ।
मेरे शब्द का साथ है ।
जब जो होना है ।
तब वो होता है ।
इसके लिए क्या रोना है ।
तुम मिले देर से ।
मुझे इसकी कोई परवाह नहीं ।
देर तो देर सही ।
ज़िंदगी मे दस्तक तो दी ।
एक दस्तक ही काफी थी ।
बाकी सब कुछ माफ ही ।
ज़िंदगी अब मेरी साफ है ।
मेरे शब्द का साथ है ।
जब जो होना है ।
तब वो होता है ।
इसके लिए क्या रोना है ।
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