ज़िद्दी मन ।
जैसे एक घना वन ।
मनुष्य का तन ।
जैसे सुन्दर उपवन ।
मन की बाते कौन जाने ।
तन मन को पेहचाने ।
तन की सुन्दरता मन मोह जाये ।
मन की सुन्दरता दिल ना जीत पाये ।
ये ज़िद्दी मन
खूबसुरत तन ।
ज़िद्दी मन ।
जैसे एक घना वन ।
मनुष्य का तन ।
जैसे सुन्दर उपवन ।
मन की बाते कौन जाने ।
तन मन को पेहचाने ।
तन की सुन्दरता मन मोह जाये ।
मन की सुन्दरता दिल ना जीत पाये ।
ये ज़िद्दी मन
खूबसुरत तन ।
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