[नेतृत्व पर शायरी] हिंदी में [Shayari on leadership] in Hindi
भीड़ नहीं बनना है मुझे ।
अकेला ही चलता जाऊंगा ।
अकेला ही आया था जग मे ।
अकेले ही चला जाऊंगा ।
मानता हु राह मुश्किल है ।
पर खुद मैं राह बनाऊंगा ।
जो भीड़ मे चले मैं वो राही नहीं ।
मैं खुद ही चलता जाऊंगा ।
मैं खुद ही चलता जाऊंगा ।
By Shivam Mishra